आर्टिकल 370 पर शोर करके बेवकूफ बना रहे हैं कश्मीरी नेता?
प्रैक्टिकली सोचें तो आर्टिकल 370 होने या ना होने से आम जनता को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. अगर महबूबा मुफ्ती या फारूक अब्दुल्ला इसे फिर से लागू
कराने की बात कहें तो यह भी लगभग असंभव है.
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
प्रैक्टिकली सोचें तो आर्टिकल 370 होने या ना होने से आम जनता को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. अगर महबूबा मुफ्ती या फारूक अब्दुल्ला इसे फिर से लागू
कराने की बात कहें तो यह भी लगभग असंभव है.
2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी सरकार बनने के बाद से ही कश्मीर का मुद्दा इस सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल रहा है. समय-समय पर पीएम मोदी की तरफ से ऐसी बयानबाजियां देखने को भी मिली है
अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण और अकसर चर्चा में रहने वाले जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की कुल 6 सीटें हैं। राज्य में विधानसभा की कुल 87...
वोहरा को संभालने के लिए बिगड़ैल हाथी मिला है जो तांडव करने को आतुर है. वोहरा कैसे महावत साबित होंगे यह आने वाले दिनों में ही पता चल सकता है.
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस लेते हुए सरकार गिरा दी है, जिसके चलते राज्य में राज्यपाल शासन लगभग तय है। कांग्रेस और...
शनिवार को भारत में ईद है. कश्मीर में भी क्योंकि कश्मीर देश से बाहर नहीं है. आतंकी भी इस पाक महीने में रोजा रखते हैं...