पाकिस्तान को झकझोरने वाला इरफान पठान, आया और यूं चला गया

29 जनवरी 2006, कराची, पाकिस्तान का मशहूर शहर, यहां के नेशनल स्टेडियम में सीरीज का अंतिम और तीसरा मैच होने जा रहा था. कमेंट्री कर रहे थे रमीज राजा. पाकिस्तान बैटिंग के लिए तैयार और भारत फील्डिंग के लिए. भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने घुंघराले बाल वाले इरफान पठान को गेंद थमाई.

ओवर की पहली तीन गेंद पर कोई रन नहीं बना और अगली दो गेंद पर दो विकेट, रमीज राजा के मुंह से निकल गया कि ‘इरफान पठान इज अनप्लेयेबल टूडे’. इरफान पठान हैट्रिक पर थे. अगली गेंद यानी ओवर की अंतिम गेंद पाकिस्तान की उस टीम के नंबर एक बल्लेबाज मोहम्मद युसुफ के स्टंप्स को भेदती हुई चली गई.

इधर नेशनल स्टेडियम कराची में दर्शकों का शोर ऐसा लगा कि बगल के अरब सागर में समा गया और उधर माइक लिए बैठे रमीज राजा की आवाज उन दर्शकों के शोर को वापस बुलाने अरब सागर के किनारे चली गई. बगल में भारतीय कमेंट्रेटर शिव रामकृष्णन को माइक संभालना पड़ा. और फिर उनके मुंह से निकला- सेंसेशनल, सेंसेशनल इरफान पठान.

इरफान पठान ने हैट्रिक लेने के बाद अपनी मुट्ठी आसमान में ऐसी भींची कि मानो कराची से उन्होंने पूरे पाकिस्तान को झकझोर दिया हो. उस पाकिस्तान को जिसने अपनी गेंदबाजी के दम पर एक समय विश्व क्रिकेट में डंका बजा दिया हो. हालांकि उस मैच में पाकिस्तान ने शानदार वापसी की थी और इरफान की हैट्रिक के बावजूद भी जीत हासिल करने में सफल रहा था.

यहीं से शुरू हुआ इरफान पठान के सेंसेशनल बनने का समय, उस समय क्रिकेट खेल रहा हर भारतीय युवा इरफान पठान को हीरो मानने लगा था. और इरफान पठान ने ये पहली बार पाकिस्तान को नहीं झकझोरा था, ये दूसरी बार था. पहली वाली कहानी थोड़ा और पुरानी है.

इरफान एशिया अंडर-19 टूर्नामेंट खेल रहे थे. एक मैच में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक ही पारी में 9 विकेट चटका दिए. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इरफान को राष्ट्रीय टीम में जगह मिली और आस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने पदार्पण किया.

2003 में पदार्पण के दौरान वह 19 साल के थे. इसके बाद उनका सुनहरा दौर शुरू हुआ. 2008 में उन्होंने आखिरी टेस्ट खेला. इसके बाद उनकी वापसी नहीं हो पाई. इरफान के बारे में कितना कुछ कहा गया, कितना लिखा गया, कितने रिकॉर्ड्स बनाए, लेकिन इरफान पठान वो वापसी नहीं कर पाए जिस तरह वो करना चाहते थे.

शनिवार को जब वे अपने संन्यास का ऐलान कर रहे थे तो थोड़ा खेद जता रहे थे, लेकिन साथ ही वो ये भी कह रहे थे कि कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने अपने उन समर्थकों का भी शुक्रिया अदा किया जो दिन रात इस आस में रहते थे कि शायद उन्हें अपना वो पुराना इरफान पठान मिल जाए…