पुस्तक समीक्षा: ज़िंदगी को चाहिए नमक
‘जिंदगी को चाहिए नमक’ किसी साहित्यकार नहीं, एक युवा पत्रकार के क़लम से निकली अनुभूतियों का संग्रह है.
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
‘जिंदगी को चाहिए नमक’ किसी साहित्यकार नहीं, एक युवा पत्रकार के क़लम से निकली अनुभूतियों का संग्रह है.
केंद्रीय जांच एजेंसी यानी सीबीआई. इस संस्था का नाम है. मतलब एकदम भौकाल ही है. अकसर बड़े-बड़े मामलों में मांग की जाती है CBI से जांच...