World Soil Day: आखिर इतनी ज़रूरी क्यों है मिट्टी की सेहत?
विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) पर कम से कम आम लोगों को कोशिश शुरू करनी चाहिए कि मिट्टी की सेहत के लिए हर दिन कोई एक काम करें.
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) पर कम से कम आम लोगों को कोशिश शुरू करनी चाहिए कि मिट्टी की सेहत के लिए हर दिन कोई एक काम करें.
लड़कों की बजाए दोगुनी लड़कियां कुल मिलाकर 4 साल से भी कम समय तक स्कूल जा पाती हैं. वैसे राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत 6 से 14 साल तक की आयु के बच्चों के लिए 1 से 8 कक्षा तक की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है. स्कूल के इन 8 सालों में से लड़कियां 4 साल भी पूरे नहीं कर पाती हैं.
पंजाब से शुरू हुआ किसान आंदोलन आज दिल्ली पहुंचा है. कृषि बिल के खिलाफ किसान अपनी मांगें लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर जमकर नाकाबंदी की गई है कि प्रदर्शनकारी दिल्ली में न घुसने पाएं.
साल 2014 से पहले तक नीतीश कुमार एनडीए के लिए ब्रांड थे. अटल बिहारी वाजपेयी के बाद एनडीए नीतीश को चेहरा मान रहा था. आज...
कोरोना जानलेवा है. यह नारा था. मार्च और अप्रैल 2020 में. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. पूरा देश लॉकडाउन में रहा. लॉकडाउन...
रिपब्लिक टीवी चैनल के ऐंकर और मालिक अर्णब गोस्वामी. पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र सरकार उनके और वह महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर हैं. आखिरकार,...
‘जिंदगी को चाहिए नमक’ किसी साहित्यकार नहीं, एक युवा पत्रकार के क़लम से निकली अनुभूतियों का संग्रह है.
केंद्रीय जांच एजेंसी यानी सीबीआई. इस संस्था का नाम है. मतलब एकदम भौकाल ही है. अकसर बड़े-बड़े मामलों में मांग की जाती है CBI से जांच...
महेंद्र सिंह धोनी के लिए, माही मार रहा है जैसे नारे आम होते थे लेकिन अब यही नारे उनको ट्रोल करने के कारण बन गए हैं.
प्रैक्टिकली सोचें तो आर्टिकल 370 होने या ना होने से आम जनता को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. अगर महबूबा मुफ्ती या फारूक अब्दुल्ला इसे फिर से लागू
कराने की बात कहें तो यह भी लगभग असंभव है.