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भारत के लिए शांति, पाकिस्तान के लिए परमाणु बम है प्राथमिकता

अगर हम गौर करें तो पाकिस्तान के साथ भारत का रुख बंटवारे के बाद से एक जैसा रहा है. जब कांग्रेस की सरकार रही तब भी, जब गैर कांग्रेसियों की रही तब भी. मनमोहन सिंह भी पाकिस्तान के लिए उतने ही बुरे थे, जितने नरेंद्र मोदी हैं.

बौखलाया, खिसियाया, गिड़गिड़ाया पाक लेकिन आप क्यों खुश हैं?

आजादी की लड़ाई दोनों ओर के लोगों ने मिलकर लड़ी. कायदे से हर अच्छी-बुरी चीजें विरासत में दोनों देशों के पास बराबर मात्रा में पहुंची, एक का रास्ता, दूसरे से बिलकुल अलग जा मिला.

कश्मीर

कश्मीर में अफवाह ही ख़बर है

जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि कश्मीर में अफवाहें ही खबरें हैं. सच्चाई भी वही है. कश्मीर में जो हो रहा है, जो होने की आशंका या संभावना जताई जा रही है, सब मोहमाया है.

कुलभूषण जाधव केस: इंटरनैशनल कोर्ट में भारत जीता या पाकिस्तान हारा?

ग्लोबल कोर्ट ने भारत की ओर से मांगी गई राहत को भी देने से इनकार कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि कुलभूषण को मिलिट्री कोर्ट से सुनी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया जाए और कुलभूषण को उनके वतन वापस भेज दिया जाए.