वाह रे अपनी सुब्ह-ए-बनारस, घाट के पत्थर जैसे पारस
काशी न सिर्फ शिव की नगरी अपितु गंगा की और संगीत की नगरी है। संगीत जो वहाँ गंगा के कल-कल, छल-छल की ध्वनि के साथ...
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
काशी न सिर्फ शिव की नगरी अपितु गंगा की और संगीत की नगरी है। संगीत जो वहाँ गंगा के कल-कल, छल-छल की ध्वनि के साथ...