hindi kavita
शहरों से ठोकर मिला, हम चल बैठे गांव
माना अपने गांव में, रहता बहुत कलेस। कुल पीड़ा स्वीकार है, ना जाइब परदेस।
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है: गोपालदास नीरज
नीरज ने बॉलीवुड के लिए अनेक लोकप्रिय गीत लिखे। उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार के अलावा पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे नागरिक सम्मान भी हासिल हैं।
कविताईः नए बरस की आमद और रद्दी होते कैलेंडर का दर्द
बरस के बीतते इन आखिरी दिनों में/ कैलेंडर की अहमियत घट रही है।
पुण्यतिथिः शशि सूर्य हैं फिर भी कहीं, उनमें नहीं आलोक है – मैथिलीशरण गुप्त
यह रिवर्स टैलेंट का दौर है,जब संघर्षों की आवश्यक प्रक्रियाएं रोचक कहानियों के आवरण में सहानुभूतिक शब्दों के टैगलाइन के साथ बेची जा रही हैं,...