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हरित क्रांति के नाम पर यूं कंपनियों के गुलाम बन गए किसान

देश में हर महीने 70 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं और ज्यादातर में आत्महत्या की वजह किसान पर बढ़ता कर्ज होता है। किसान...

धीरे-धीरे भरोसा हो रहा है कि पार्लियामेंट में डकैत ही होते हैं

इरफान खान की फिल्म सामने चल रही थी, फिल्म में डायलॉग आता है, ‘ बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पाल्लियामेंट में।’ पान...

त्रिपुरा में ढहा लाल दुर्ग, चुनावी रिंगमास्टर बने अमित शाह

भाजपा ने त्रिपुरा में वाम की ढाई दशक साल पुरानी सरकार से सत्ता छीन ली है। कई अन्य राज्यों की तरह यहां पर भी कांग्रेस का सफाया हो गया है। बीजेपी दो तिहाई सीट लेकर सरकार बनाने की ओर अग्रसर है।

6 दिसंबर 1992: उन्माद को नया रूप देने वाली एक तारीख

यहां मेरी बात पढ़कर अगर आप भी मुझे मुगल प्रेमी, हिंदू विरोधी, फर्जी सेकुलड़ या देशद्रोही जैसी उपाधियां देने दौड़े आते हैं तो सच कहता...

यक्ष प्रश्न: जांच सीडी की होनी चाहिए या विनोद वर्मा की?

पत्रकारिता और राजनीति का रिश्ता बड़ा पुराना रहा है यह हम बहुत पहले से कहते आ रहे हैं। दोनों हॉरलिक्स और बॉर्नवीटा की तरह समकालीन...

गुजरात चुनाव: क्या विकास सच में बौराएगा?

बेइमानी करके ही सही, मेरा मतलब है जहांपनाह के सजदे में सर झुकाते हुए केचुआ यानि केंद्रीय चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर...