मिलती मुद्दत में है और पल में हँसी जाती है October 3, 2019 लोकल डिब्बा टीम 0 कविताई, मिलती मुद्दत में है और पल में हँसी जाती है, ज़िंदगी यूँही कटी यूँही कटी...