इमरान खान

भारत के लिए शांति, पाकिस्तान के लिए परमाणु बम है प्राथमिकता

अगर हम गौर करें तो पाकिस्तान के साथ भारत का रुख बंटवारे के बाद से एक जैसा रहा है. जब कांग्रेस की सरकार रही तब भी, जब गैर कांग्रेसियों की रही तब भी. मनमोहन सिंह भी पाकिस्तान के लिए उतने ही बुरे थे, जितने नरेंद्र मोदी हैं.

‘कप्तान खान’ अगर ‘फौजी खान’ नहीं बने तो पाकिस्तान का बदलना तय!

पाकिस्तानी राजनीति का इतिहास उठा कर देखें तो सिर्फ गिने चुने नाम आएंगे जो जननेता के रूप में उठकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हो. और ये तय के अब उस इतिहास में इमरान खान का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा