श्रद्धांजलिः नहीं रहे उर्दू ‘गीताकार’ और शायर अनवर जलालपुरी
अनवर ने एक बार कहा था कि छात्र जीवन से ही उनके दिमाग में यह बात थी कि कुरआन तो उन्होंने पढ़ी ही है तो क्यों न हिंदू धर्म की किताबें भी पढ़ी जाएं।
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
अनवर ने एक बार कहा था कि छात्र जीवन से ही उनके दिमाग में यह बात थी कि कुरआन तो उन्होंने पढ़ी ही है तो क्यों न हिंदू धर्म की किताबें भी पढ़ी जाएं।