हम फिर वापस आएंगे! May 31, 2020 लोकल डिब्बा टीम 0 कविताई, आज हम अपने गांव लौट रहें है नंगे पैरों से सूनी सड़कों पर आधे-अधूरे कपड़ों...
शहरों से ठोकर मिला, हम चल बैठे गांव May 11, 2020 लोकल डिब्बा टीम 0 कविताई, माथे पर झोला लिये, मन में लिए जुनून काटो तो पानी बहे, इतना पतला खून।...