सुषुप्त ज्वालामुखी होते जा रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी. इस शख्स के लिए कहा गया कि यह अनहोनी को भी होनी करता है. लंबे समय तक किया भी. लेकिन हर शख्स, हर करिश्मे की एक उम्र होती है. धोनी की भी है. धोनी ने इस उम्र की इज्जत की. समय रहते उन्होंने पहले टेस्ट क्रिकेट और फिर टी-20 और वनडे से भी संन्यास का ऐलान कर दिया.

उम्र से हार रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी?

कोरोना के चलते आईपीएल लेट हुआ. कोरोना के चलते खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पाए. उम्र के हिसाब से धोनी को और प्रैक्टिस की जरूरत थी. यह बात उन्होंने आईपीएल के शुरुआती मैचों में अपनी फॉर्म के बारे में सवाल उठने पर मानी भी. लेकिन खेल में एक्सक्यूज की नहीं, फॉर्म की जरूरत होती है. बहुत चाहकर भी धोनी और उनकी टीम परफॉर्म नहीं कर पा रही. युवा खिलाड़ियों के खेल टी-20 में धोनी एक ऐसी टीम लेकर खेल रहे हैं, जिसके आधे खिलाड़ी रिटायर हो चुके हैं.

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बेस्ट फिनिशर की फॉर्म हो रही फिनिश

यही कारण है कि अकसर फाइनल खेलने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स इस बार सबसे नीचे है. 10 में से सिर्फ तीन जीतने वाली चेन्नई अपनी बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग तीनों से परेशान है. कई मैच तो वह ऐसे हारी है, जिसमें लगा कि पुराना वाला धोनी होता तो जीत जाती. जी हां, पुराना वाला धोनी. पुराना वाला धोनी मतलब- वह धोनी जो क्रीज पर उतरता था तो मैच अंत तक ले जाता और खत्म भी करता था.

कभी अपने दम पर मैच जिता लेता था माही

टीम इंडिया के लिए धोनी ने ऐसे दर्जनों मैच जीते हैं, जो कभी टीम इंडिया सोच भी नहीं सकती थी. दुनिया के लगभग हर गेंदबाजी क्रम के खिलाफ धोनी ने धुआंधार बैटिंग की. अच्छे से अच्छे स्कोर का पीछा करके टीम को जीत दिलाई. आईपीएल में भी धोनी की बैटिंग से चेन्नई कई बड़े मुकाबले जीत सकी.

फिजिकली फिट लेकिन मैच फिट नहीं?

लेकिन पिछले कुछ सालों में धोनी कमजोर हुए. हालांकि, इस बात की तारीफ होनी चाहिए कि वह इस उम्र में भी फिट हैं. अच्छा दौड़ते हैं, कम चोटिल हुए और आसानी से थकते नहीं है. इस सबके बावजूद पिछले कुछ सालों में धोनी की बैटिंग में वह धार नहीं दिखी, जिसके लिए वह जाने जाते रहे हैं.

10 मैच में भी वापस नहीं आई फॉर्म

आईपीएल 2020 की ही बात करें तो धोनी ने 10 मैच में सिर्फ 164 रन बनाए हैं. कई मैचों में उन्होंने आखिरी में बल्लेबाजी की तो कुछ मैचों में वह पहले भी खेलने आए. इन 10 मैचों में उनका अधिकतम स्कोर सिर्फ 47 रहा है. औसत सिर्फ 27.33 और स्ट्राइक रेट 125.19 है. छक्के मारने के लिए मशहूर धोनी ने इस आईपीएल में सिर्फ 6 छक्के लगाए हैं. ये आंकड़े साबित करते हैं कि धोनी फॉर्म में नहीं हैं.

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कप्तानी पर भी जमकर उठ रहे सवाल

इसके अलावा वह बैटिंग में भी उतने सहज नहीं दिखे हैं. शॉर्ट बॉल और तेज गेंदबाजी के सामने वह जूझे हैं. वहीं स्पिनर्स ने भी उन्हें बांधे ही रखा है. कप्तानी में भी धोनी ने कुछ प्लेयर्स को बार-बार खिलाकर अपनी ही टीम का नुकसान किया है. वहीं, उनका खुद निचले क्रम में खेलना भी एक बड़ी समस्या रहा है.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि धोनी अब ऐसे ज्वालामुखी होते जा रहे हैं, जो शायद कभी न फटे.

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