केजरीवाल जी, अब जनता से चंदा मांगकर प्रशांत किशोर को देंगे?

आम आदमी पार्टी। खुद को गरीब बताने वाली पार्टी अब पैसे देकर प्रचार करवाएगी। 2013 और 2015 में ‘आप’ के कार्यकर्ता उसकी ताकत थे। सड़क पर झाड़ू लिए खड़े थे। सिर पर टोपी लगाए खड़े थे। अपने पैसे लगाकर दिनभर प्रचार कर रहे थे। लेकिन अब ‘आप’ के पास पैसा है। जाहिर है ये पैसे पांच साल की कमाई हैं। चुनाव प्रचार और रणनीति के लिए करोड़ों रुपये लेने वाली प्रशांत किशोर की ‘आई-पैक’ अब केजरीवाल का प्रचार करेगी।

काम पर भरोसा नहीं क्या?

इससे स्पष्ट होता है कि केजरीवाल को अपने काम पर भरोसा नहीं है। खुद केजरीवाल कहते हैं कि उनकी रैलियों में नेता नहीं, जनता बोलती है कि कितना काम हुआ। अगर इतना काम हुआ तो केजरीवाल को सामान्य चुनाव प्रचार में भी प्रचंड बहुमत से जीतना चाहिए। दरअसल, बात यह है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी किसी भी टिपिकल पार्टी से अलग नहीं रह गए हैं।

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चुनावी चंदे में पारदर्शिता की बात करने वाली आम आदमी पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर चंदा देने वालों की लिस्ट ना जाने कब से हटा रखी है। इसका मतलब है कि शुरुआती कुछ सालों तक चंदा देने वालों की लिस्ट दिखाने वाली आम आदमी पार्टी अब चंदा देने वालों के नाम नहीं बताना चाहती है। वह यह भी नहीं बताना चाहती है कि उसके पास कितना पैसा आया और किसने-किसने दिया।

जनता से चंदा मांगने का नाटक करेंगे अरविंद?

चुनाव प्रचार के लिए हमारे पास पैसा नहीं है- केजरीवाल इसी डायलॉग को लेकर रोना रोएंगे। जनता से पैसा मांगेंगे। ऑनलाइन पोर्टल खोलेंगे। और पैसा बटोरकर पीके को दे देंगे। यह बात तो जगजाहिर है कि प्रशांत किशोर करोड़ों में रुपये लेते हैं। ऐसे में खुद को आदर्शवादी और ईमानदार बताने वाले केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि उनके पास पीके को देने के लिए पैसा कहां से आएंगे। केजरीवाल ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि उनकी पार्टी के पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। तो अब केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि इतने पैसे कहां से आए कि सीधे प्रशांत किशोर को हायर कर लिया।

तो क्या केजरीवाल ने इस बार रही-सही उम्मीद भी तोड़ दी?

केजरीवाल से ही सवाल क्यों?

ये सवाल केजरीवाल से ही पूछे जाने जरूरी हैं क्योंकि उन्होंने खुद को कांग्रेस-बीजेपी की राजनीति का विकल्प बताया था। जनता से चंदा लेकर जनता के लिए काम करने की बात कही थी। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस को उनके चंदों के लिए जमकर घेरा है। ‘आप’ ने मोदी के बड़े चुनावी कैंपेन पर भी सवाल उठाए हैं। अब इस सबका जवाब उन्हें भी देना होगा।