पॉलिटिकल लव: चलो प्यार का बजट बनाते हैं!

प्यार में कुछ ऐसा करो कि वो बढ़ता ही चला जाये
ठीक है फिर प्यार को पेट्रोल से जोड़ देता हूँ
देखो कहीं ज्यादा आगे ना चला जाये
चिंता मत करो मैं कंट्रोल कर लूंगा

तुम कुछ काम क्यों नहीं करते हो
अच्छा ठीक है पकौड़े की दुकान लगा लेता हूँ
ये सही है तुम भी 200रुपए के बेचना पकौड़े
तब तो न्यूज़ चैनलों के बाहर रेड्डी लगानी होगी

तुम ना बदल गए हो
तुम बदलते हुए देखी हो मुझे
देखी तो नहीं पर लगता है बदल गए हो
जब देखी नहीं हो तुम्हारी थ्योरी गलत है
लगता है तुम पर भी राज्यमंत्री का असर आ रहा है

तुमने अपने घर वालो से मेरी बात करी
हां बात कर ली है वो बस एक इंटरव्यू लेना चाहते हैं
ज्यादा कड़े सवाल तो नहीं करेंगे ना तुम्हारे घर वाले
चिंता मत करो वो चैनलों से भी ज्यादा सॉफ्ट है

तुम मेरे साथ चलते वक़्त हाथ क्यों नहीं पकड़ते हो
अरे तुम्हें भी कुछ मुक्त करना है क्या हाथ पकड़ कर
अभी हम बिहार में नहीं दिल्ली में है
चलो फिर बिहार चलते है वहाँ हाथ सबके सामने पकड़ लेंगे

तुम बड़े जल्दी फैसले लेते हो
हां तो अब राष्ट्रपति बना दो
अरे नहीं पता चले तुम मेरे खिलाफ ही फैसले लेने लगे
नहीं, हम बस जो तुम्हारे खिलाफ होगा उसी पर जल्दी फैसला

तुम हर बार मुझे ही गलत क्यों बोलते हो
अरे तुम दिल्ली में रहती हो ना
अच्छा तो हरियाणा चली जाऊ
हां चली जाओ तुम्हारे सभी गलती माफ हो जाएगी

प्यार के बजट का क्या सोचा तुमने
सोच लिया है बस प्यार का विकास ही विकास होगा
सरकार वाला विकास तो नहीं है ना
अरे दिखवाती नहीं सच में होगा विकास

तुम ना 15 लाख देने वाले थे
अरे बाबा दे दूंगा तुम्हे
चलो 15 लाख छोड़ो 15 हज़ार ही दे दो
मैं तुम्हें सब कुछ दूँगा जो वादा किया था
साहब भी यहीं बोलते थे

चलो मौसम अच्छा हो गया कही चलते है
चलो फिर जल्दी से लोकल डिब्बा पकड़ लेते है
ये ठीक है मैं घूम लूंगी और तुम क्या करोगे
मैं पॉलिटिकल लव लिख लूंगा