पॉलिटिकल लव: प्यार के बजट की समीक्षा

तुम्हारा बजट तो नहीं निराश करेगा मुझे

चिंता मत करो हमारे बजट में बस गुस्सा महंगा होगा

ठीक है मैं गुस्सा थोड़ा कम करूँगी

थोड़ा बिल्कुल खत्म करो उस पर 1% सेस भी है

 

तुम ऐसी बाते मत बोलना की मैं टूट जाऊ

क्यों तुम सेंसेक्स हो क्या जो टूट जाओगी

टूट तो जाऊंगी अगर तुमने बजट जैसा भाषण दिया तो

अरे तुम ऐसा ना सोचो मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा

 

चलो ना शॉपिंग करने चलते है

क्या लेना है तुम्हें

सोच रही हूँ जैकेट ले लूं

ठीक है लेकिन थोड़ी सस्ती लेना

चिंता मत करो 63हज़ार की नहीं लूंगी

 

तुम या तो अकेले रहते हो या लड़कों के बीच

कुछ नहीं बस ऐसे ही थोड़ा काम रहता है

कुछ काम रहता है या संघ चालक बनाना है तुम्हें

अरे तुम न विपक्ष जैसे बोल बोलने लगी हो

अरे बाबा मैं तो तुम्हारी तांग खींच रही थी

 

कल मैंने तुम्हे एक लेटर लिखा था

वही वजाइना वाला ना

उस लेटर में 2440 शब्द थे तुम्हे बस यही याद है ना

अरे नहीं सब याद है मुझे

बस रहने दो लोगों का असर आ रहा है तुम पर

 

क्या हो रहा है हमारे प्यार में कुछ पता ही नहीं चल रहा है

अच्छा ठीक है पता करने के लिए समीक्षा निकालते हैं

ठीक है लेकिन समीक्षा में तुम सच बोलोगे

चिंता मत ये सरकार की नहीं प्यार की समीक्षा है सब सच होगा

 

टीपू सुलतान की तस्वीर लगा लूं क्या घर में

अरे लगा लो इसमें क्या है

अरे नहीं मैंने सोचा कहीं तुम्हारी भावना ना आहत हो जाए

इतनी ना चिंता करो हमारी, हम तुम्हारे विपक्षी नेता नहीं है

 

सोच रहा हूँ तुम्हारा चमचा हो जाओ

क्या हुआ जानू

किसी की बाल्टी होने से तुम्हारा चमचा होना ठीक है

क्यों तुमसे भी लोग सवाल करने लगे है

हां, जब से तुम्हारी तारीफ की है ना तब-से

 

तुम मेरे सभी गुनाहों को कब माफ करोगी

जब तुम कर्नाटक चलोगे

अच्छा तुम भी नया अध्यादेश लाओगी क्या

नहीं हम वही वाले अध्यादेश से काम चला लेंगे

 

इस बार कहाँ जा रहे हो

कासगंज जाने की सोच रहा हूँ

क्यों तुमको भी अपनी रोटियां सेंकनी है वहाँ !

अरे बाबा बस वहाँ दुबारा प्यार भरना है

चलो लोकल डिब्बा पकड़े है फिर

अपना पॉलिटकल लव रखना मत भूलना