इस तरह सिर्फ सियासत बचेगी और इंसाफ मर चुका होगा

पाकिस्तान के कितने हाथ हैं जी? हर जगह पहुंच जाते हैं, कोई सरकार हार जाए या कोई घटना हो जाए सब में पाकिस्तान का हाथ होता है। देश में अगर रेप हो रहा है, उसमें भी पाकिस्तान का हाथ है। इसका मतलब पाकिस्तान के हाथ हमारे कानून से भी लंबे और मजबूत हैं। ये सब बातें अगर सच हैं तो पाकिस्तान हमारे साथ कुछ भी कर सकता है और हम बस देखते रह जाएंगे क्योंकि पाकिस्तान के हाथ हमारे कानून से भी लंबे है, इसलिये वे हर जगह पहुंच सकते हैं लेकिन ये वही पाकिस्तान है, जिसे हमने युद्ध में हार दिया था और लाहौर तक कब्जा जमा लिया था और आज हम अपनी नाकामी को छिपाने के लिए इसी पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसका क्या मतलब है कि पाकिस्तान हम से ज्यादा मजबूत हो गया?

इन सब बात पर एक फिल्म याद आती है ‘किस्सा कुर्सी का’ उस फिल्म में सरकार पड़ोसी देश पर कई बातों के लिए इल्जाम लगाती है और पड़ोसी देश दूसरे देश पर। अगर इसका आसान मतलब निकाला जाए तो सरकार बस अपना पल्ला झाड़ना चाहती थी। कमोबेश आज भी हर मुद्दे से वही हो रहा है। हर बात को देश के नाम पर मोड़ दिया जा रहा है या पड़ोसी देश के नाम पर लेकिन सरकार की कमजोरी दिख रही है बस, बाकी कुछ नहीं।

रेप पर सियासत हो रही है। और सियासत अभी इतनी ज्यादा होगी कि इंसाफ तो बाद में मिलेगा, उससे पहले देश दो भागों में बट जाएगा और याद रखना कि सारी सियासत बस बांटने के लिए हो रही है क्योंकि अगर हम बंट गए तो हम कमजोर हो जाएंगे और कमजोर होकर हम इस सियासत के आगे घुटने टेक देंगे और अंत में जीत इसी सियासत की होगी और राज भी इसी सियासत का होगा। इस तरह से अंत में सियासत ही बचेगी इंसाफ तो तब तक मर चुका होगा।