अपनी प्राइवेसी छिनने पर क्या सोचता है आधार?

आप बस अपनी प्राइवेसी की सोचते हो, क्या आपने मेरा कुछ सोचा कभी, मैं इतनी जगह लिंक होकर कैसा फील कर रहा हूँ? आपको क्या पता इसी लिंकअप के कारण मेरी गर्लफ़्रेंड मुझे छोड़कर वोटर कार्ड भाई के पास चली गई, उसने बोला वोटर कार्ड तो बस 18+ का ही है और तुम्हारा तो तुम्हें खुद ही नहीं पता कि कितनो के हो। पैन कार्ड पर भी 18 से कम वालों के लिए माइनर लिखा होता है लेकिन तुम 5 साल वाले के भी वैसे हो जैसे 18+ के वाले हो। बताओ मैं अपना दर्द किसे सुनाऊँ आप तो पहुँच जाओगे कोर्ट और मैं कहाँ जाऊँ?

इतना कुछ होने के बाद जब घर वालों ने एक जगह शादी की बात की तो वे यह बोल गए कि आपके लड़के का कैरेक्टर ठीक नहीं है, पता चले शादी मेरी बेटी से हो और लिंकअप पूरे मोहल्ले की लड़कियों से हो, अब देखिए मेरी तो शादी होनी भी मुश्किल हो गई। अब बताओ क्या करूँ मैं ?

चलो थोड़े दिन बाद धीरे-धीरे सब ठीक हुआ और मैंने अपने प्यार का लेवल इंटरनेशनल कर लिया, मुझे पासपोर्ट की लड़की वीजा से प्यार हुआ । वहाँ लिंकअप वाली प्रोब्लम भी नहीं थी, बस वीजा चाहती मैं उस से सच्चा प्यार करूँ, सब सही चल रहा था फिर कहीं से खबर आती है कि मेरा डाटा लीक हो गया और वीजा ने मुझ पर शक करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसके पापा पासपोर्ट को मैं खटकने लगा वह बोलने लगे कि तुम्हारी इमेज इंटरनेशनल स्तर तक खराब हो गई है और उसके बाप के इतने इंटरफेयर के बाद हम दोनों का रिश्ता खत्म हो गया और मैं फिर अकेला और तन्हा हो गया, बताओ किसको बताओ अपनी तनहाई का दर्द, किसे दिखाऊं टूटा हुआ दिल? इतने सब के बाद तो एक ही बाद याद आती है…
‘कोई तोहमत हो मेरे नाम चली आती है, जैसे बाज़ार में हर घर से गली आती है’

आपके पास कोर्ट है बाकी सब है अपना दिल रखने के लिए और आपको हर कोई गाली नहीं देता लेकिन इतनी जगह लिंक होने के बाद मुझे कोई भलाई नहीं मिली, मिली तो बस गाली और बुराई । बस अंत में एक बात बोलता हूँ शायद आप मेरा दर्द समझो –
‘मैं सबका दिल रखता, मगर ये तो ख्याल करो मैं भी एक दिल रखता हूँ ‘