सिनेमा

बहनों और भाइयों, मैं आपका दोस्त अमीन सायानी बोल रहा हूं…

तनु वेड्स मनु फिल्म के बिल्कुल शुरुआत में ही एक रेडियो में फरमाइशी कार्यक्रम चल रहा होता है जिसमें यह आवाज आती है, “बहनों और...

बर्थडे स्पेशल: एक साल में चालीस फिल्में साइन करने वाला सुपरस्टार

भारतीय सिनेमा का अपना एक दौर रहा है. अपने उम्र की ढलान पर एक बार राजेश खन्ना किसी अवार्ड शो में अमिताभ बच्चन से अवार्ड...

‘मेरे पास मां है’- सिनेमा जब तक रहेगा, ये शब्द गूंजते रहेंगे

साल 1951, फिल्म थी आवारा, राज कपूर के बचपन का रोल निभाते हुए एक छोटा सा बच्चा स्कूल मास्टर से कहता है, ‘मास्टर साहब ये...

फ़िल्म रिव्यू: कड़वी हवा, जिसकी कड़वाहट को समय रहते महसूस किया जाना चाहिए

‘कड़वी हवा’, पर्दे पर बंजर का एक ऐसा मंज़र है, जिसके सूखे को आप अपनी आंखों से तर कर देना चाहते हैं. फ़िल्म में संजय...

विश्व टेलिविजन दिवस: बचपन में टीवी देखने किसके यहां जाते थे?

अब के बच्चों के लिए टीवी पर दर्जनों कहानियां हैं. इतनी कि वो जिन्हें चाहें देख-सुन सकते हैं, छोड़ सकते हैं और कोई पसंद न...

बर्थडे स्पेशल: वो रेखा जो दोबारा खींची नहीं जा सकेगी

रेखगणित में सबसे आसान सीधी रेखा होती है किंतु उस रेखा को खींचना सबसे कठिन होता जिसमें उतार चढ़ाव ज्यादा हो। भानु रेखा गणेशन भारतीय...