पर्सोना: इंसानी दिमाग की परतें खोल देने वाली शानदार फ़िल्म
शब्द और भाषा कितने आवश्यक हैं? आख़िर भाषा से ही तो समझे न जाने का भी दुःख पनपता है. यह दुःख किसी व्यक्ति तो इतना...
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
शब्द और भाषा कितने आवश्यक हैं? आख़िर भाषा से ही तो समझे न जाने का भी दुःख पनपता है. यह दुःख किसी व्यक्ति तो इतना...
किसान अकसर आंदोलन करते हैं. इन आंदोलनों की गति दिशाहीन होती है. चंद लोग किसानों के नाम पर समझौता कर लेते हैं. आखिर में किसानों को बैरंग लौटना पड़ता है.